मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अपराधों पर प्रभावी शिकंजा कसने और लोगों को बेहतर सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए पुलिस बिना देरी के घटनास्थल पर पहुंचना सुनिश्चित करे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घटनास्थल पर पुलिस की त्वरित पहुंच के लिए पूरे प्रदेश में इमरजेंसी रेस्पोंस सिस्टम लागू करने का प्रयास किया जाए। फिलहाल अलवर एवं भरतपुर जिलों में यह प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है, जिसमें पुलिस 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचेगी। गहलोत ने गुरुवार को प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने पुलिस की ओर से माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को अधिक सशक्त बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का माफिया हो, पुलिस पूरी सख्ती एवं सतर्कता के साथ कार्रवाई को अंजाम दे, ताकि आमजन को बेहतर सुरक्षा मिल सके। इसके लिए सरकार संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं रखेगी। पुलिस महकमे को वाहनों की खरीद के लिए 70 करोड़ का बजट उपलब्ध कराया गया है।
एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री ने एफआईआर के लिए फ्री रजिस्ट्रेशन की नीति पर पुन: जोर देते हुए कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि पुलिस थानों में आने वाले फरियादियों को एफआईआर दर्ज कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो। उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसा प्रकरण सामने आने पर अधिकारी संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। बैठक में पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि महिला उत्पीड़न एवं जघन्य अपराधों की रोकथाम के लिए गठित विशेष यूनिट सभी जिलों में कार्यशील हो गई है। संगठित अपराध एवं विभिन्न माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस विभाग ने पिछले दिनों विशेष अभियान चलाकर प्रभावी कार्रवाई की है, जिससे बीते महीनों में अपराधों पर नियंत्रण की स्थिति बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि जनवरी महीने में सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आई है। इसके अलावा अधिकारियों ने थानों में स्वागत कक्ष बनाने, रात्रि विश्राम करने, लंबित प्रमोशन के मामलों में प्रगति से अवगत कराया। बैठक में एसीएस होम राजीव स्वरूप सहित पुलिस के उच्चाधिकारी शामिल थे।
मजबूत हो पुलिस का रेस्पोंस सिस्टम, FIR दर्ज करने में आनाकानी बर्दाश्त नहीं : गहलोत